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मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड

(पूर्व में मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड)

खान मंत्रालय, भारत सरकार का उद्यम, मिनीरत्ना-I सीपीएसई

MINERAL EXPLORATION AND CONSULTANCY LTD.

(Formerly Mineral Exploration Corporation Ltd.)

Ministry of Mines, Govt of India Enterprise, MINIRATNA-I CPSE

An ISO 9001:2015, 14001:2015 & 45001:2018 Certified Company


कंपनी प्रोफाईल

मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड
(भारत सरकार का उद्यम)
एक मिनीरत्न कंपनी
कंपनी रूपरेखा

मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) (पूर्व में मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड) भारत सरकार के 100% नियंत्रण के साथ खान मंत्रालय , भारत सरकार के अधीन खनिज पूर्वेक्षण स्थल(लों) की प्रारंभिक खोज और उसके अंतिम विदोहन के बीच अंतराल को कम करने के लिए ’’ खनिजों के योजनाबद्ध गवेषण हेतु कार्य कर रहा है । यह सरकार और निजी क्षेत्र दोनों में एकमात्र ऐसा संगठन है जिसके पास खनिज गवेषण की सारी सुविधाएं एक छत के नीचे विद्यमान है । 1972 में अपने स्थापना काल से   एमईसीएल गवेषण की आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए उत्तरोत्तर मजबूती के साथ आगे बढ़ा है और अब यह देश में एक प्रमुख गवेषण एजेंसी के रूप में उभर चुका है । कंपनी का निगमीय कार्यालय नागपुर , महाराष्ट्र में है और देश भर में इसके कई आंचलिक / परियोजना कार्यालय स्थित हैं । कंपनी की प्राधिकृत पूंजी रु. 125 करोड़ है ।

तीन दशकों में खनिज गवेषण में एमईसीएल की समर्पित सेवाओं के परिणामस्वरूप विभिन्न खनिजों की खनिज मालसूची को अद्यतन बनाने का कार्य हुआ और भारत में अनेक खनिज आधारित उद्योगों और कंपनियों की स्थापना हुई । स्थापनाकल से अब तक इसने विस्तृत खनिज गवेषण , खान विकास की १६३० से अधिक परियोजना पूर्ण की है और २,००,३१७ मिलियन टन खनिज निचय प्रमाणित किए हैं । गवेषण निविष्टियों में १३.१५ मिलियन मीटर वेधन , ५.४७ मिलियन मीटर भूभौतिकी लॉगकरण , १०,३४३ वर्ग किमी. विस्तृत भूवैज्ञानिक मानचित्रण एवं स्थलाकृतिक सर्वे क्षण  और ०.२९ मिलियन मीटर समन्वेषी एवं विकासात्मक खनन सम्मिलित है । इसके अतिरिक्त  सुदूर संवेदी और पर्यावरणीय अध्ययनों पर भी 186 से अधिक परियोजनाएं पूर्ण की गई है ।

कंपनी की मुख्य ताकत अच्छी अहर्ता प्राप्त और अनुभवी गवेषण भूवैज्ञानिक , भूभौतिकीविदों , विश्लेषी रसायनज्ञों , वेधन और खनन अभियंताओं और सर्वेक्षकों की इसकी टीम है , जिनकी सहायता के लिए उच्च कुशल ,  प्रशिक्षित तकनीकी और वैज्ञानिक कर्मचारीवर्ग और स्टेट ऑफ कंप्यूटर सुविधाएं है ।

एमईसीएल ने कोयला , लिग्नाइट , आधार धातु , स्वर्ण बॉक्साइट , चूनापत्थर आदि के गवेषण द्वारा राष्ट्र के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है और कई प्रतिष्ठाएं प्राप्त की है जैसे :

plus.gif  भारत के पूर्व तट प्रान्तों में बड़े धात्विक ग्रेड स्तर बॉक्साइट निचय के संवर्धन द्वारा भारत को विश्व बॉक्साइट मानचित्र पर लाया , जिसकी एल्युमिनियम उद्योग की विश्व स्तरीय कंपनियों द्वारा  सराहना की गई । इसके परिणामस्वरूप नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लि. (नाल्को) का सृजन हुआ जो सबसे बड़ी एल्युमिनियम कंपनी है और ग्रीनफील्ड एल्युमिना / एल्युमिनियम संयंत्रों के लिए कई निवेश आनेवाले है ।

plus.gif मलंजखंड की ताम्र के लिए सबसे बड़ी ओपन कास्ट माइन और बनवास की समृद्ध ताम्र संभाव्यता हिंदुस्तान कापर लिमिटेड (एचसीएल) की जीवनरेखा बनी ।

plus.gif भारत गोल्ड माइन्स लि. (बीजीएमएल) द्वारा चिगरगुंटा में भूमिगत स्वर्ण खनन और हट्टी गोल्ड माइन्स लि. (एचजीएमएल) द्वारा ऊटी में ओपन कास्ट माइन ।

plus.gif कोयला उत्पादन 70 मिलियन टन के स्तर से उछलकर 400 मिलियन टन के स्तर पर पहुंच गया और निजी क्षेत्रों में भी नई कोयला खनन परियोजनाओं में बराबर का निवेश आया ।

plus.gif कोयला अभाव वाले राज्यों में बड़ी निवेश के साथ कई लिग्नाइट आधारित बिजली परियोजनाएं स्थापित की गई/ की जा रही है ।

plus.gif इसने अपनी गतिविधियों का सीबीएम गवेषण और वाणिज्यिक खनन में विविधरूपण किया  है ।

plus.gif यह सीबीएम के लिए स्लिम होल ड्रिलिंग में एक अग्रणी एजेंसी के रूप में उभरा है और वर्तमान में सीबीएम के लिए उत्पादन कूप वेधन हेतु सेवाएँ प्रदान करने की योजना बना रहा है ।

plus.gif राजस्थान के बलारिया सीसा - जस्त निक्षेप में 600 मीटर की सबसे बड़ी ईंक्लाइन का निर्माण किया गया । भारत का सबसे बड़ा 143 मीटर का रेज़ भी जावर में निर्मित किया गया ।

plus.gif एमईसीएल ने जम्मू एवं कश्मीर के पीरपंजाल रेंज में प्रतिष्ठित कश्मीर रेल परियोजना , दुलहस्ती हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना , चमेरा हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना के लिए और सुबंसीरी बेसिन में भू-तकनीकी अध्ययनों के लिए वेधन किया है ।

plus.gif इसने राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन के अंतर्गत भूजल संभावना के मानचित्र तैयार करने में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है।

plus.gif सीएमपीडीआईएल की ओर से गोंडवाना फार्मेशन (झरिया कोलफील्ड) में सीबीएम अन्वेषण  के लिए 1400 मीटर गहराई का एक सबसे गहरा वेधछिद्र सफलतापूर्वक पूर्ण किया ।

इन उपलब्धियों के मद्देनजर कई विदेशी कंपनियां खनिज उद्योग में जारी उदारीकरण प्रक्रिया के अधीन भारत में अपनी गतिविधियों के विस्तार हेतु एमईसीएल से हाथ मिला चुकी / रही हैं ।

        एमईसीएल विकसित अवसंरचना और विशेषज्ञता के साथ टर्न की आधार पर पूर्व-साध्यता अध्ययनों के लिए टोही सर्वेक्षण से लागत तथा समय प्रभावी व्यापक कार्यक्रम (मों) के निष्पादन हेतु प्रतिबद्ध है । यह अकेले रूप में या वर्तमान आर्थिक सुधारों में उपयुक्त कार्यनीतिक भागीदारों के सहयोग से लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगा ।   

      एमईसीएल के पास विशेषज्ञता है और वह निम्नलिखित क्षेत्रों में सेवाएँ प्रदान करता है :- 

left_menu_icon.jpg   सैटेलाइट इमैजरी द्वारा रिमोट सेंसिंग

left_menu_icon.jpg   क्षेत्रीय और विस्तृत भूवैज्ञानिक मानचित्रण

left_menu_icon.jpg   टोपोग्राफिक और भूमिगत सर्वेक्षण

left_menu_icon.jpg   2000 मीटर तक समन्वेषी वेधन

left_menu_icon.jpg   कोल बेड मिथेन हेतु स्लिम होल ड्रिलिंग

left_menu_icon.jpg   भूतापीय ऊर्जा और भू-तकनीकी अध्ययन हेतु वेधन

left_menu_icon.jpg   पृष्ठीय और वेधछिद्र भूभौतिकी

left_menu_icon.jpg   समन्वेषी खनन/ विकासात्मक खनन

left_menu_icon.jpg   रासायनिक , खनिज विज्ञानी और शैलविज्ञानी विश्लेषण

left_menu_icon.jpg   खनिज गवेषण के लिए विश्व – स्तरीय सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र

left_menu_icon.jpg   खनिज निक्षेप मूल्यांकन और 3 डी ओर बॉडी माडलिंग

left_menu_icon.jpg   पूर्व – साध्यता रिपोर्ट तैयार करना

left_menu_icon.jpg   निर्माण उद्योग हेतु भूतकनीकी और भूभौतिकी अध्ययन  

  किए गए खनिज गवेषण का सारांश:-

  लौह : लौह अयस्क क्षेत्र में एमईसीएल ने 49508 मिलियन मी. वेधन और 7062 मी. समन्वेषी खनन तथा संबद्ध भूवैज्ञानिक कार्य एवं प्रयोगशाला अध्ययनों के साथ 2617 मिलियन टन निचय प्रमाणित किया है । ग्राहकों में मेसर्स एसएआईएल,केआईओसीएल,डालमिया इन्टरनेशनल,सिंधुदुर्ग माइनिंग कार्पोरेशन,भिलाई स्टील प्लान्ट,एनआईएनएल आदि का समावेश है । चिरिया,झारखंड राज्य में 62-15% लौह के 1970 मिलियन टन का एकल सबसे बड़ा लौह अयस्क निक्षेप प्रमाणित किया ।

बोंक्साइट: एमईसीएल ने आंध्र प्रदेश,ओडिशा,महाराष्ट्र,गोवा,केरल,छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों में 1,78,038  मी. वेधन और 12121 मी. खनन तथा संबध भूवैज्ञानिक अध्ययनों के साथ 31 निक्षेपों (40 ब्लॉक) में गत तीन दशकों में बॉक्साइट गवेषण किया है । कुल 1277 मिलियन टन मेटालर्जिकल ग्रेड बॉक्साइट निचय प्रमाणित किए गए । ग्राहकों में नाल्को,बाल्को,एल एण्ड टी,हिंडाल्को,डीजीएम (तत्कालीन बिहार),स्टरलाइट आदि शामिल है ।  

ताम्र: 61 ब्लॉक में जो झारखंड,कर्नाटक,मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र,उड़ीसा,राजस्थान और सिक्किम में स्थित हैं ,358010 मी. वेधन ,20764 मी. समन्वेषी खनन और अन्य भूवैज्ञानिक कार्य के साथ 612 मिलियन टन ताम्र अयस्क एमईसीएल ने प्रमाणित किया है । एमईसीएल के कार्य के आधार पर मलांजखंड में सबसे बड़ी ओपन कास्ट माइन और बनवास की समृद्ध ताम्र संभावना का पताचला जो एचसीएल की जीवन रेखा है ।  

सीसा एवं जस्त: एमईसीएल ने आंध्र प्रदेश,गुजरात,महाराष्ट्र,राजस्थान,उत्तरांचल और पश्चिम बंगाल राज्यों में 29 परियोजनाओं में गवेषण कार्य किया जिसमें 112285 मी. का वेधन,16025   मी. का खनन और 176 मिलियन टन के निचय प्रमाणित किए गए । विगत हाल में एमईसीएल द्वारा गवेषित आशाप्रद सीसा जस्त पूर्वेक्षणस्थल में अजमेर जिला,राजस्थान का कयर उल्लेखनीय है जिसमें 2.66% सीसा और 14.89% जस्त के साथ 10.14 मिलियन टन के अयस्क निचय प्रमाणित किए गए ।

स्वर्ण: एमईसीएल ने आंध्र प्रदेश,कर्नाटक,झारखंड और केरल राज्यों में स्वर्ण के 42 खण्डों/निक्षेपों में गवेषण किया जिसमें 136350 मी. के वेधन और 27951 मी. के खनन और संबद्ध भूवैज्ञानिक कार्य के माध्यम से 45.35 मिलियन टन निचय प्रमाणित किए । एमईसीएल आंकड़ों के आधार पर तत्कालीन बीजीएमएल द्वारा चिगरगुंटा में भूमिगत स्वर्ण खनन तथा एचजीएमएल द्वारा ऊटी में ओपन कास्ट माइन का विकास किया गया । आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के दोना में स्वर्ण निक्षेप का एमईसीएल द्वारा विस्तृत गवेषण किया गया जिसके परिणामस्वरूप प्रति टन 2 ग्राम स्वर्ण से अधिक का 7.77 मिलियन टन निचय प्रमाणित हुआ ।

कोयला: एमईसीएल ने आंध्र प्रदेश,अरुणाचल प्रदेश,आसाम,छत्तीसगढ़,  झारखंड,मध्यप्रदेश,मेघालय,नागालैंड,उड़ीसा,सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्यों में 879 से अधिक खण्डों में कोयला गवेषण कार्य पूर्ण किया । कुल 4624325 मी. का वेधन और 42112 मी.खनन और संबध भूवैज्ञानिक कार्य के परिणामस्वरूप 95109 मिलियन टन के कोककर और अकोककर कोयला निचय प्रमाणित हुए ।

लिग्नाइट: एमईसीएल द्वारा गुजरात,जम्मू एवं कश्मीर,राजस्थान और तमिलनाडु राज्यों में 1599630 मी. वेधन और 879 मी. खनन के माध्यम से 36933 मिलियन टन लिग्नाइट निचय स्थापित किया गया । बीकानेर राजस्थान  के रीरी में विशाल लिग्नाइट निचयों की हाल की खोज के लिए एमईसीएल के वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार प्राप्त किया ।

कोल बेड मीथेन (सीबीएम): एमईसीएल सीबीएम के लिए स्लिम होल ड्रिलिंग में एक अग्रणी एजेंसी के रूप में उभरा है तथा वर्तमान में सीबीएम हेतु उत्पादन कूप वेधन के लिए सेवाएँ प्रदान करने की योजना बना रहा है । यह सीबीएम अन्वेषण में पिछले 10 वर्षों से रहा है और गेल,ओएनजीसी,   जीईईसीएल,डीजीएच-टिडको,डीओपी,राजस्थान,सीएमपीडीआईएल नामक एजेंसियों तथा कोयला मंत्रालय की ओर से सफलतापूर्वक अन्वेषण पूर्ण किया है । इसने गोंडवाना फार्मेशन,झरिया कोयला क्षेत्र में 1400 मीटर के सबसे गहरे वेध छिद्र के साथ लगभग 50 वेधछिद्रों में 68319 मी. स्लिम होल ड्रिलिंग पूर्ण किया है ।

ऑइल शेल: एमईसीएल ने बीआरजीएम फ्रांस के साथ डायरेक्टेरेट जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन्स,भारत सरकार की ओर से आसाम और अरुणाचल प्रदेश के भागों में ऑइल शेल निक्षेप में सिनक्रूड ऑइल संभावना के संबंध में संसाधन आकलन हेतु सफलतापूर्वक अध्ययन पूर्ण किया ।

नमक: एमईसीएल ने मेसर्स ओएनजीसी की एक प्रतिष्ठित परियोजना बीकानेर क्षेत्र की नमक कन्दराओं की पहचान के लिए सफलतापूर्वक गवेषण पूर्ण  किया । यह एक विशेषज्ञतापूर्ण किया गया कार्य है जिसमें 1032 मी. सबसे गहरे वेधछिद्र के साथ कुल 3136 मी. वेधन किया गया ।

चूना पत्थर:  एमईसीएल ने 29760 मी. वेधन और 1880 मी.खनन कार्य करके आंध्र प्रदेश,  छत्तीसगढ़,केरल,मध्यप्रदेश,मेघालय और राजस्थान राज्यों के 9 निक्षेपों में 2459 मिलियन टन एसएमएस एवं सीमेंट ग्रेड चूनापत्थर निचय प्रमाणित किया ।

भूतकनीकी अन्वेषण: एमईसीएल ने अरुणाचल प्रदेश,आसाम (सुबेनसिरी बेसिन),मध्यप्रदेश,हिमाचल प्रदेश (चमेरा हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना) राज्यों और जम्मू एवं कश्मीर (दुलहस्ती हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना और पीर पंजाल रेल सुरंग) के अत्यंत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सुरंग,बांध स्थल अन्वेषण आदि जैसे भूतकनीकी अध्ययनों के लिए भी सफलतापूर्वक वेधन पूर्ण किया।

भूतापीय अध्ययन: एमईसीएल ने 1991 में लद्दाख (जम्मू एवं कश्मीर) में भूतापीय ऊर्जा हेतु गवेषण कार्य किया और सीईए तथा एनएनआरई के साथ में भूतापीय गवेषण कार्य हाथ मेंलिए जाने की संभावना है ।

टिन,टंगस्टन,रॉक फास्फेट,डायमंड आदि के गवेषण के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है ।


मुख्य व्यवसायिक कार्यालय:-

डाॅ.बाबासाहब आंबेडकर भवन,
सेमिनरी हिल्स, नागपुर- 440 006
महाराष्ट्र, भारत.
Call : 0091-712-2510310, 2511833
e-mail : headbd[at]mecl[dot]gov[dot]in
CIN : U13100MH1972GOI016078

कार्य समय:
कार्यकारी: 9.30 AM TO 5.30 PM
गैर-कार्यकारी: 9.30 AM TO 5.30 PM
Public Dealing Hours:
9.30 AM TO 5.30 PM

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